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संत समाज ने की बेटियों को विधर्मियों से बचाने एवं कठोरतम सजा की माँग, सौंपा ज्ञापन

दोषियों के खिलाफ उचित करवाई नही हुई तो 10 को भीलवाड़ा बंद की दी चेतावनी

भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) राजस्थान में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और हिंदू बेटियों के साथ हो रहे अपराधों के विरोध में संत समाज एवं हिंदू संगठनों ने भीलवाड़ा जिला मुख्यालय पर सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने हिंदू समाज की बहन-बेटियों को धर्मांतरण और दुष्कर्म से बचाने के लिए प्रशासन से कठोरतम कार्रवाई की मांग की। संत समाज ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों के खिलाफ उचित कदम नहीं उठाए गए, तो 10 मार्च, सोमवार को भीलवाड़ा बंद रहेगा। ज्ञापन में कहा गया कि बीते एक माह में बिजयनगर, भीलवाड़ा समेत कई स्थानों पर हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर मुस्लिम युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और मानसिक प्रताड़ना की घटनाएं सामने आई हैं।

प्रशासन द्वारा कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन संत समाज का कहना है कि केवल गिरफ्तारी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग करते हुए कहा कि त्वरित न्याय दिलाने के लिए विशेष अदालत में रोजाना सुनवाई हो। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम महाराज ने कहा कि यह घटनाएं अचानक नहीं हो रही हैं, बल्कि लंबे समय से योजनाबद्ध तरीके से हिंदू समाज की लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है। लोकलाज के कारण कई पीड़ित लड़कियां और उनके परिवार सामने नहीं आते, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद होते गए। उन्होंने कहा कि अब समाज चुप नहीं बैठेगा, और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए सभी हिंदू संगठनों और संत समाज ने एकजुट होकर प्रशासन से न्याय की मांग की है। ज्ञापन में पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए और केस ऑफिसर स्कीम के तहत प्रतिदिन सुनवाई हो। पीड़ितों और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि वे बिना किसी दबाव के न्याय की लड़ाई लड़ सकें। अपराध में लिप्त आरोपियों के माता-पिता और अन्य परिजनों को भी कठोर कानूनी कार्रवाई के दायरे में लाया जाए। मुस्लिम मौलवियों, सदर, काजी और उन संगठनों पर कार्रवाई की जाए जो लव जिहाद के नाम पर लड़कियों का शोषण, ब्लैकमेलिंग और धर्मांतरण को बढ़ावा देते हैं। जिन व्यक्तियों या संगठनों द्वारा इस तरह की गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है, उनकी पहचान कर कड़ी सजा दी जाए। आरोपियों और उनसे जुड़े संगठनों की संपत्तियों की जांच कर उन्हें जब्त किया जाए और अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया जाए। शहर के संदिग्ध कैफे, रेस्टोरेंट, स्पा, होटल और अन्य जगहों की सघन जांच कर वहां चल रही अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाए। यदि वे इस प्रकार के कृत्यों में लिप्त पाए जाते हैं, तो उन्हें सील कर मालिकों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जाए। संत समाज और हिंदू संगठनों ने स्पष्ट कहा कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की, तो 10 मार्च को पूरे भीलवाड़ा शहर को बंद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन समाज की बेटियों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी कदम उठाया गया है। इस अवसर पर कई प्रमुख संत और हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे, जिनमें महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम महाराज, महंत मोहनशरण महाराज, महंत रामदास रामायणी, महंत बलरामदास महाराज, महंत नारायणदास महाराज, संत मुरारी महाराज, संत मायाराम सहित अन्य संत उपस्थित थे। इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री ओमप्रकाश लढा, विभाग मंत्री विजय ओझा, गणेश प्रजापत, ओमप्रकाश बुलिया, भारत गेंगट, सुशील सुवालका, मुकेश प्रजापति, लक्ष्मण लालवानी, रमेश खोईवाल, रामप्रकाश बहेड़िया, प्रकाश नकवाल, बाबूलाल सेन, श्याम ओझा एवं दिनेश ओझा समेत कई समाजसेवी और संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। प्रशासन की ओर से अभी तक ज्ञापन पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। हालांकि, पुलिस पहले ही 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और मामले की जांच जारी है।

voiceof public

Chief Editor of voice of public rajasthan

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