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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: मुकुंदरा टनल में दूसरी ट्यूब की हुई ब्रेकथ्रू सेरेमनी, हुई आरपार खुदाई

गोलू राठौर रामगंजमंडी

कोटा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को पूरा करने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम जुटी हुई है. कोटा जिले में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से होकर यह एक्सप्रेसवे गुजर रहा है. यहां पर 4.9 किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण किया जा रहा है. चेचट से कोटा की तरफ आने वाली सड़क पर बन रही टनल में गुरुवार को दूसरी ट्यूब की भी ब्रेकथ्रू सेरेमनी के तहत आरपार खुदाई की गई. सुरंग की दोनों ट्यूब अब आरपार हो गई हैं. इसके बाद तिरंगा लहरा कर खुशी जताई गई है. अब इसकी चौड़ाई बढ़ाई जाएगी और उसके बाद यहां पर अन्य निर्माण कार्य शुरू होंगे.

बढ़ाई जाएगी चौड़ाई-ऊंचाई: फिलहाल इस हिस्से में दोनों ट्यूब में चौड़ाई 9 मीटर है. इन्हें 19 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा. ऊंचाई भी फिलहाल 8 मीटर है, जिसे बढ़ाकर 11 मीटर किया जाएगा. बैकथ्रू सेरेमनी के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कोटा प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल, टनल निर्माण कर रही दिलीप बिल्डकॉन के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय सिंह राठौड़, टनल की डिजाइनिंग और निर्माण में लगे हुए इंजीनियर सहित मजदूर व अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान बुलडोजर से सुरंग की दीवार को उठाया गया और आरपार यह निकल गई. इसके पहले कोटा से चेचट जाने वाले सड़क पर बनी सुरंग की 28 फरवरी को ब्रेकथ्रू सेरेमनी हुई थी. सुरंग निर्माण में आई कई चुनौतियां-NHAI: एनएचएआई का कहना है कि यह आठ लेन की दो सुरंगें बन रही हैं. जिनमें एक सुरंग 4 लेन चौड़ाई वाली है. यह 4.9 किलोमीटर लंबी है और उनके दोनों छोर पर 1.56 किलोमीटर लंबा कट एंड कवर बनाया गया है. इसका निर्माण भी दोनों तरफ जारी है. इसके निर्माण में कई तरह की चुनौतियां आई हैं. निर्माण में इकोलॉजिकल सिस्टम को भी पूरा ध्यान रखा रखते हुए न्यू ऑस्ट्रेलिया टनलिंग विधि से इसको बनाया गया है. यह भारत में प्राकृतिक विरासत को सहेजने का एक बेहतर उदाहरण है.देश की पहली 8 लेन टनल, 100 साल की गारंटी भी: इस टनल में थोड़े दिन खुदाई और चलने वाली है. इसके बाद सड़क निर्माण, सुरक्षा और सिक्योरिटी के इंतजाम शुरू किए जाएंगे. जिनमें पॉल्यूशन और फायर फाइटिंग के सेंसर स्थापित किए जाएंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉनिटरिंग सिस्टम स्काडा कंट्रोल के लिए काम शुरू होगा. साथ ही जेट फैन, लक्स लाइटिंग, वेंटीलेशन, फायर फाइटिंग, गैस मॉनिटरिंग, पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम पर काम होगा. टनल से गुजर रहे वाहन चालकों के मोबाइल का नेटवर्क और एफएम फ्रीक्वेंसी गायब नहीं हो, इसकी व्यवस्था भी टनल निर्माण के दौरान रखी जाएगी. इनके लिए भी बूस्टर लगाए जाएंगे.

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Chief Editor of voice of public rajasthan

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